मानव सभ्यता की शुरुआत से ही किताबें ज्ञान और रहस्यों का खजाना रही हैं। लेकिन कुछ ऐसी प्राचीन पुस्तकें भी हैं जिनके लेखक अज्ञात हैं और जिनकी भाषा आज भी रहस्य बनी हुई है। ये ग्रंथ हमें अतीत के गहरे रहस्यों की झलक दिखाते हैं, लेकिन उनकी भाषा और अर्थ को समझ पाना अब तक असंभव रहा है। आइए जानते हैं ऐसी 7 रहस्यमयी किताबों के बारे में।
1. वोयнич पांडुलिपि (Voynich Manuscript)
- समय: 15वीं शताब्दी (अनुमानित)
- भाषा: अज्ञात
- विशेषता: इस पांडुलिपि में अजीबोगरीब चित्र और एक अज्ञात भाषा में लिखे गए शब्द हैं। यह ग्रंथ आज भी भाषा विशेषज्ञों और कोडब्रेकर्स के लिए एक पहेली बना हुआ है।
2. रोहोनक कोडेक्स (Rohonc Codex)
- समय: 16वीं-18वीं शताब्दी (अनुमानित)
- भाषा: अज्ञात
- विशेषता: यह पुस्तक हैंडराइटिंग में लिखी गई है और इसमें अनजाने प्रतीकों का प्रयोग हुआ है। इसमें धार्मिक प्रतीक और युद्ध संबंधी चित्र भी देखे गए हैं।
3. लिबर लिंतेसियस (Liber Linteus Zagrabiensis)
- समय: 3री-1ली सदी ईसा पूर्व
- भाषा: इट्रस्केन (जिसे पूरी तरह समझा नहीं जा सका)
- विशेषता: यह दुनिया का सबसे लंबा लिनेन स्क्रॉल है, जो मिस्र की एक ममी के कपड़े के रूप में पाया गया था। इसकी भाषा अब तक पूरी तरह से डिकोड नहीं की जा सकी है।
4. इंडस वैली स्क्रिप्ट (Indus Script)
- समय: 2600-1900 ईसा पूर्व
- भाषा: अज्ञात
- विशेषता: सिंधु घाटी सभ्यता की मुहरों और पत्थरों पर मिली लिपि को अब तक पूरी तरह पढ़ा नहीं जा सका है। इसमें पिक्टोग्राम (चित्रलिपि) और प्रतीकों का प्रयोग हुआ है।
5. वीटसेब स्क्रिप्ट (Vinca Symbols)
- समय: 5,500-4,500 ईसा पूर्व
- भाषा: अज्ञात
- विशेषता: यह यूरोप की सबसे पुरानी लेखन प्रणाली मानी जाती है। इसमें मिट्टी की प्लेटों पर अज्ञात प्रतीक पाए गए हैं, जिनका अर्थ अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
6. क्रिचर स्क्रिप्ट (Kritschov Script)
- समय: 10वीं-12वीं शताब्दी
- भाषा: अज्ञात
- विशेषता: यह स्क्रिप्ट छोटे पत्थरों पर पाई गई है, और इसमें लिखी गई भाषा अब तक किसी ज्ञात भाषा से मेल नहीं खाती।
7. ओखम पांडुलिपि (Ogham Manuscripts)
- समय: 4थी-6वीं शताब्दी
- भाषा: ओघम (आंशिक रूप से समझी गई)
- विशेषता: ओघम एक प्राचीन आयरिश लिपि थी, लेकिन इस पर लिखी गई कई पांडुलिपियां अब तक पूरी तरह समझी नहीं जा सकी हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या इन पुस्तकों का अर्थ निकालने की कोई कोशिश हुई है?
हाँ, विभिन्न भाषाविदों, पुरातत्वविदों और कोडब्रेकर्स ने इन पुस्तकों को डिकोड करने की कोशिश की है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है।
2. क्या वोयнич पांडुलिपि का रहस्य कभी सुलझ पाएगा?
यह संभव है, क्योंकि आधुनिक तकनीकों जैसे AI और मशीन लर्निंग की मदद से नई संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
3. क्या इन पांडुलिपियों का कोई व्यावहारिक उपयोग हो सकता है?
अगर इनकी भाषा समझ ली जाती है, तो ये इतिहास, सभ्यता और विज्ञान के बारे में नई जानकारियाँ प्रदान कर सकती हैं।
4. क्या सिंधु लिपि को पढ़ने की कोई उम्मीद है?
सिंधु लिपि को पढ़ने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन इसके डिकोड होने के लिए द्विभाषी लेख (Bilingual Text) का मिलना ज़रूरी है, जो अभी तक नहीं मिला है।