6 ऐसे पहाड़ जिनकी ऊँचाई समय के साथ बढ़ती जा रही है

धरती की सतह निरंतर बदलाव के दौर से गुजर रही है। भूकंप, प्लेट टेक्टोनिक्स और जलवायु परिवर्तन जैसे कारक पहाड़ों की ऊँचाई को प्रभावित करते हैं। कुछ पहाड़ ऐसे भी हैं जिनकी ऊँचाई समय के साथ लगातार बढ़ रही है। आइए जानते हैं उन पहाड़ों के बारे में, जो दिन-ब-दिन ऊँचे होते जा रहे हैं।

1. माउंट एवरेस्ट (Mount Everest)

स्थान: नेपाल-तिब्बत सीमा

माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊँची चोटी है और इसकी ऊँचाई लगातार बढ़ रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार, भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर के कारण यह पर्वत हर साल लगभग 4 मिलीमीटर बढ़ रहा है। 2020 में नेपाल और चीन द्वारा आधिकारिक रूप से इसकी नई ऊँचाई 8,848.86 मीटर घोषित की गई।

2. कंचनजंगा (Kangchenjunga)

स्थान: भारत-नेपाल सीमा

कंचनजंगा दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है और इसकी ऊँचाई भी समय के साथ बढ़ रही है। हिमालय क्षेत्र की टेक्टोनिक हलचलों के कारण यह पहाड़ भी धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है।

3. माउंट चोगोरी (K2)

स्थान: पाकिस्तान-चीन सीमा

K2, जिसे माउंट चोगोरी भी कहा जाता है, दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। यह कराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि इसकी ऊँचाई हर साल लगभग 3 से 5 मिलीमीटर बढ़ रही है।

4. नंगा पर्वत (Nanga Parbat)

स्थान: पाकिस्तान

नंगा पर्वत को “किलर माउंटेन” भी कहा जाता है। यह हिमालय पर्वतमाला का हिस्सा है और इसकी ऊँचाई धीरे-धीरे बढ़ रही है। यह पर्वत भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराने के कारण ऊँचा होता जा रहा है।

5. दापा पर्वत (Dhaulagiri)

स्थान: नेपाल

धौलागिरी पर्वत नेपाल में स्थित है और यह दुनिया की सातवीं सबसे ऊँची चोटी है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसकी ऊँचाई हर साल कुछ मिलीमीटर बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण टेक्टोनिक मूवमेंट है।

6. मकालू पर्वत (Makalu)

स्थान: नेपाल-तिब्बत सीमा

मकालू, हिमालय की पाँचवीं सबसे ऊँची चोटी है और यह भी धीरे-धीरे ऊँचा हो रहा है। इसकी ऊँचाई में वृद्धि का कारण भी टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि है।

क्यों बढ़ रही है पहाड़ों की ऊँचाई?

  1. प्लेट टेक्टोनिक्स – जब दो टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो उनमें संकुचन और उठाव होता है जिससे पहाड़ ऊँचे हो जाते हैं।
  2. ग्लेशियर पिघलना – ग्लेशियर पिघलने से पहाड़ों का भार कम होता है और वे ऊपर उठ सकते हैं।
  3. भूकंप और भूगर्भीय हलचलें – इन घटनाओं के कारण भी पहाड़ों की ऊँचाई बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

यह आश्चर्यजनक है कि धरती पर कई ऐसे पहाड़ हैं जो समय के साथ और भी ऊँचे हो रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह प्रक्रिया लाखों सालों तक जारी रहेगी। टेक्टोनिक प्लेटों की हलचलों और प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण आने वाले समय में इन पहाड़ों की ऊँचाई में और भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

FAQs

1. क्या माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई हर साल बढ़ रही है?
हाँ, वैज्ञानिकों के अनुसार माउंट एवरेस्ट हर साल लगभग 4 मिलीमीटर ऊँचा हो रहा है।

2. टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने से पहाड़ कैसे बढ़ते हैं?
जब दो टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो वे संकुचित होती हैं और ऊँचाई में वृद्धि होती है।

3. क्या भविष्य में ये पहाड़ और भी ऊँचे हो सकते हैं?
जी हाँ, वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले हजारों-लाखों सालों तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

4. क्या भूकंप पहाड़ों की ऊँचाई को प्रभावित करता है?
हाँ, भूकंप के कारण पहाड़ों की ऊँचाई में वृद्धि या कमी हो सकती है।

5. क्या हिमालय की सभी चोटियाँ ऊँची हो रही हैं?
अधिकांश चोटियाँ धीरे-धीरे ऊँची हो रही हैं, लेकिन कुछ में कटाव और अन्य भूगर्भीय प्रभावों के कारण ऊँचाई में बदलाव भी देखा जाता है।

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